| 1. | तुतलाना, अस्पष्टोच्चारण आदि दोष दूर किये जासकते हैं.
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| 2. | काम और क्रोध आदि दोष ही चोर है.
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| 3. | बिंदु । कालिमा । त्रास आदि दोष से रहित ।
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| 4. | अपनेमें गुणोंको देखनेसे उनके साथ अभिमान आदि दोष आयँगे ही ।
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| 5. | और साधक के समक्ष से अहंकार छल कपट आदि दोष भागने लगे ।
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| 6. | इस संस्कार से बीज तथा गर्भ से सम्बन्धित मलिनता आदि दोष दूर हो जाते हैं।
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| 7. | काम और क्रोध आदि दोष ही चोर है तपस्या (तप) ही धन है.
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| 8. | इस प्रकार चुपके-चुपके उनमें कुसंग, जुआ, सिनेमा, आवारागर्दी आदि दोष पनपते रहते हैं।
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| 9. | साधन में शिथिलता आ जाने पर, उत्साहहीनता और निराशा आदि दोष उत्पन्न होने लगते हैं ।
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| 10. | महापुरूषों के सत्संग करने से ही जीवन से दुर्गुण, दुव्र्यसन, दुराचार आदि दोष दूर होते हैं।
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